रैलीगोल्ड एक जैव उर्वरक से कहीं ज़्यादा बढ़कर है, यह आपकी फसलों के लिए सर्वोत्तम समाधान है। शक्तिशाली प्राकृतिक घटक माइकोराइजा से समृद्ध, रैलिगोल्ड फसल की वृद्धि के संरक्षक के रूप में कार्य करता है।
माइकोराइजा मिट्टी में छिपे हुए खजाने को खोलकर आपकी फसलों को पानी और पोषक तत्वों विशेष रूप से फास्फोरस तक बेहतर पहुंच प्रदान करता है, जो अन्यथा उन्हें नहीं मिल पाते। नतीजे में मजबूत और स्वस्थ फसल का विकास होता है।
फसलों की पोषक तत्व और जल ग्रहण करने की क्षमता बढ़ाकर, रैलिगोल्ड उन्हें पर्यावरणीय (अबायोटिक) और जैविक (बायोटिक) तनावों का सामना करने में मदद करता है, जिससे वह सभी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद फलती-फूलती है।
जियोग्रीन और रैलिगोल्ड का संगम: आपकी खेती की क्षमता को खोलने की कुंजी !
जियोग्रीन आपकी मिट्टी को समृद्ध करता है और स्वस्थ वृद्धि के लिए आदर्श आधार प्रदान करता है।
रैलिगोल्ड बेहतर जड़ विकास और फसल वृद्धि को प्रोत्साहित करता है, जिससे आपको मिलते हैं:
मिट्टी का उन्नत स्वास्थ्य और सूक्ष्मजीवों की सक्रियता।
उर्वरकों और जल का अधिक कुशल उपयोग।
पर्यावरणीय और जैविक तनावों से बेहतर सुरक्षा।
आपकी फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि।
प्रिय किसान भाइयों, नवाचार और संतुलित विकास अपनाएं। जियोग्रीन और रैलिगोल्ड आपकी मिट्टी और जड़ों के रक्षक हैं, जो भरपूर उपज और हरित भविष्य की राह दिखाते हैं।
आइए, उस भूमि की देखभाल करें जो हमें जीवन देती है और आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि के बीज बोएं।
अपनी मिट्टी को सशक्त बनाएँ। अपनी जड़ों को उन्नत करें। जियोग्रीन और रैलिगोल्ड के साथ समृद्धि और खुशहाल खेती अपनाएं।
रैलिगोल्ड जीआर के लिए फसल श्रेणीवार अनुशंसा:
फसल | प्रयोग का समय | प्रति एकड़ दर (कि.ग्रा./एकड़) |
---|---|---|
धान |
रोपाई: रोपाई के १० से १५ दिन बाद गीला और सूखा डीएसआर: बुवाई के २० से २५ दिन बाद |
४ |
टमाटर, मिर्च, आलू, कपास, मक्का, गेहूं, प्याज, लहसुन, सोयाबीन और तिलहन और दलहन और अन्य सब्जियाँ | रोपाई या बुवाई से ठीक पहले | ४ |
गन्ना, अदरक, हल्दी, केला (गड्ढे) | ज़मीन की अंतिम तैयारी | ८ |
अंगूर, अनार, सुपारी, खट्टे फल | जैविक खाद के साथ | ८ |
सेब | फरवरी/मार्च | ८ |
रैलिगोल्ड एसपी के लिए फसल श्रेणीवार अनुशंसा:
प्रयोग विधि | अनुशंसित फसलें | मात्रा | प्रयोग का समय |
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बीज उपचार |
कपास |
१० ग्राम प्रति किलोग्राम | बुवाई से पहले |
पौध डुबोकर निकालना | सब्जियाँ (टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, बैंगन, गोभी, फूलगोभी आदि) धान | ५-१० ग्राम प्रति लीटर पानी | रोपाई से पहले |
तर करना |
सब्जियाँ (टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, बैंगन, गोभी, फूलगोभी आदि) कद्दूवर्गीय (तरबूज, खरबूजा, खीरा, लौकी आदि) |
१५० ग्राम प्रति एकड़ |
फूल आने से पहले / ज़रूरत के हिसाब से |
ड्रिप सिंचाई | अंगूर | १५० ग्राम प्रति एकड़ |
पहली बार प्रयोग छंटाई के१०-१५ दिन बाद दूसरी बार प्रयोग छंटाई के ५०-६० दिन बाद |
ड्रिप सिंचाई | अनार | १५० ग्राम प्रति एकड़ |
पहली बार प्रयोग पहली सिंचाई के १०-१५ दिन बाद दूसरी बार प्रयोग पहली सिंचाई के ५०-६० दिन बाद |
केला | २०० ग्राम प्रति एकड़ |
पहली बार प्रयोग रोपाई के १०-१५ दिन बाद दूसरी बार प्रयोग रोपाई के ९०-९५ दिन बाद |
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टमाटर | १५० ग्राम प्रति एकड़ |
पहली बार प्रयोग रोपाई के १०-१५ दिन बाद दूसरी बार प्रयोग रोपाई के ५०-६० दिन बाद |
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ड्रिप सिंचाई | तरबूजा/खरबूजा | १०० ग्राम प्रति एकड़ |
पहली बार प्रयोग बुवाई के १०-१५ दिन बाद दूसरी बार प्रयोग बुवाई के ३५-४० दिन बाद |
गन्ना | १५०-२०० ग्राम प्रति एकड़ |
पहली बार प्रयोग रोपाई के १०-१५ दिन बाद दूसरी बार प्रयोग रोपाई के ५०-६० दिन बाद |
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पत्तियों पर छिड़काव | मिर्च, शिमला मिर्च, बैंगन | १०० ग्राम प्रति एकड़ | रोपाई के ४०-४५ दिन बाद |
पत्तियों पर छिड़काव | लौकी | १०० ग्राम प्रति एकड़ | बुवाई के ३०-३५ दिन बाद |
जियोग्रीन और रैलिगोल्ड साथ मिलकर आपके खेत की वास्तविक क्षमता को साकार करने की क्षमता रखते हैं।
जियोग्रीन आपकी मिट्टी का संवर्धन कर स्वस्थ बढ़वार के लिए एकदम सही आधार प्रदान करता है।
रैलिगोल्ड बेहतर जड़ें निकलने और फसल विकास का वाहक बनकर कई लाभ प्रदान करता है:
प्रिय किसान भाइयों, नवाचार और संवहनीयता अपनाएँ। जियोग्रीन और रैलिगोल्ड आपकी मिट्टी और जड़ों का संरक्षण कर भरपूर पैदावार और हरित भविष्य की राह बनाते हैं।
हरित कल की खेती में हमसे हाथ मिलाएँ। आइए हम अपना भरण-पोषण करने वाली भूमि का पोषण कर आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुतायत का मार्ग प्रशस्त करें।
अपनी मिट्टी को सशक्त बनाएँ। अपनी जड़ों को उन्नत करें। जियोग्रीन और रैलिगोल्ड के साथ समृद्धि की ओर कदम बढ़ाएँ।